Saturday, December 06, 2008

जीवन-पथ

रे मन! जीवन-पथ बहुत कठिन है
कभी स्वच्छ, यह कभी मलिन है

आज ह्रदय रक्ताभ हो उठा मेरा
रक्तिम नयनों में आज रिक्तता छाई
कहाँ गयीं बचपन की वे आशाएं?
कहाँ गयी यौवन की वह अंगडाई?
आज न रातें और न दिन हैं
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

मानस में मेरे उथल-पुथल है छाई
इक नयी नाव, इक नयी नदी खे लायी
मझधार बीच नैया हिचकोले खाए
अनजान खिवैया खोज-खोज भरमाये
सलिल हुआ जाता विपथित है
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

बचपन में मैंने देखी थी अमराई
इक झुकी डाल मेरे सपने में आई
थे लदे आम मीठे उस पर बहुतेरे
पर चली अचानक गयी स्तब्ध पुरवाई
आता क्यों दिवा-स्वप्न प्रतिदिन है?
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

लगे प्रभाकर आज पिघलने यों ही,
लगे हिमाचल-शिखर उबलने क्यों ही?
चाँदनी आज अंगारे बरसाती है,
चातकी रात सोने को भी जाती है!
आज यकायक थमा अनिल है
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

उषा आज रवि-पथ लख सकुचाती है
लालिमा देख कर वसुधा घबराती है
जाने क्यों गोधूलि-अर्चना-वेला
विधु के स्वागत में नहीं नज़र आती है
प्रहर आठ बीतने कठिन हैं
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

संबंधों में निस्सार मूकता छाई
मित्रता रत्न-सम ख्याति छोड़ अकुलाई
हुए देव व्याकुल आहुति पाने को
जगती की वणिक-वृत्ति रंग ले आई
दुनिया एक अगन्य गणित है
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

मेरी वह उल्लास-प्रबलता खोयी
यह दशा निरख उल्लसित विकलता रोई
अब विस्मृति भी अवसाद मिटा ना पाए
नीरवता भी चुपचाप यहीं पर सोयी
आज व्यथा ही स्वयं व्यथित है
रे मन! जीवन बहुत कठिन है

8 comments:

  1. आज ह्रदय रक्ताभ हो उठा मेरा
    रक्तिम नयनों में आज रिक्तता छाई
    कहाँ गयीं बचपन की वे आशाएं?
    कहाँ गयी यौवन की वह अंगडाई?
    आज न रातें और न दिन हैं
    रे मन! जीवन बहुत कठिन है

    Bahot sunder abhivyakti....!!

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  2. बहुत ही वेहतरीन उम्मीद है आगे भी एसे ही लिखते रहेगे मेरी शुभ कामनाये आप के साथ है
    सादर
    प्रवीण पथिक
    9971969084

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  3. raktim nayanon main aaj riktata chhai....yah riktata hi naye sundar srijan ka sanket de rahi hai.bahut sundar rachna badhai...

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  4. hats off..very nice lines..keep it up :)

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  5. रे मन! जीवन बहुत कठिन है

    -क्या बात है..बहुत उम्दा!!!

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  6. बहुत शानदार ग़ज़ल शानदार भावसंयोजन हर शेर बढ़िया है आपको बहुत बधाई

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  7. काफी समय से आपकी कोई रचना पढ़ने को नहीं मिली। ब्‍लाग के लिए भी तो थोड़ा समय निकालिए भाई।

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आपके विचार ……

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